Everything about वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



इस तरह करने से ये मंत्र और मिश्रण अभिमन्त्रण हो जाता है.

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के दौरान यही उर्जा सीधे सामने वाले पर असर करती है.

विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते

यद्यपि कुछ लोग इन मंत्रों का उपयोग सत्य, न्याय और नैतिकता के अनुसार करते हैं, जहां वे उच्च मान्यताओं, सच्ची इच्छा, और सही उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किए जाते हैं, वहीं अन्य लोग उन्हें अनैतिक और अन्यायपूर्ण मानते हैं। उचित और न्यायसंगत उपयोग के साथ, वशीकरण मंत्रों का उपयोग व्यक्ति के और दूसरे व्यक्ति के बीच संबंधों में विश्वासघात और अन्याय से बचने में सहायता कर सकता है।

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना का तिलक का उपाय

हालाँकि मोहिनी मंत्र वशीकरण साधना कोई स्थायी साधना नहीं है क्यों की वशीकरण की तरह इसमें हम अपने आकर्षण को बढाते है जिसकी वजह से सामने वाला मोहित होता है.

वशीकरण कई प्रकार के होते है। जैसे; पति वशीकरण मंत्र किसे चाहिए पत्नी, प्रेमी प्रेमिका, शत्रु वशीकरण, राज वशीकरण, देवी देवता वशीकरण, प्रेत वशीकरण इत्यादि।

त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा

ॐ जल की योगिनी पालै कलका नामा। जिस पै भेजूं तिस पै लाग। सोते सुख ना बैठे सुख। फिर फिर देखो हमारा मुख। मेरी बांधी जो छूटे। तो बाबा नाहर सिंह की जटा टूटे।

वशीकरण एक विद्या या प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति को अपने नियंत्रण में लाने का प्रयास किया जाता है. यह आमतौर पर मंत्रों, यंत्रों, तांत्रिक क्रियाओं या ज्योतिषीय उपायों के द्वारा किया जाता है. वशीकरण के अनेक प्रकार हैं, जैसे कि प्रेम वशीकरण, मोहिनी वशीकरण, स्तंभन वशीकरण, और उच्चाटन वशीकरण.

कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-

इसके बाद हाथ में जल लेकर मंत्र जाप का संकल्प लें और तीन दिन तक प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र की इक्यावन माला जाप करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *